CHAIL PALACE HISTORY OF CHAIL PALACE HIMCHAL PRADESH SOLAN-
CHAIL PALACE // HISTORY OF CHAIL PALACE//#HIMCHAL PRADESH//SOLAN - 1819 में पटियाला के महाराजा राजेन्दर ने lardkichnar को भड़काया और उन्हें कहा की शिमला में उनके आने पर प्रतिबंध लगा दिया और इससे गुस्साए राजा ने अपना एक summer palace बनाने का निश्चय किया। इसलिए बाद में राजा ने अपनी आवश्यकता के अनुसार जगह चैल का पुनः निर्माण किया और palace बनाया जिसे chail palace के नाम से जाना जाता है। और पटियाला के जो राजा थे राजेन्दर ने अपने अधिकार से chail militry school और भारतीय सर्कार को दान कर दिया।
chail palace काले डिब्बा के नाम से जाना जाता है। जो की शिमला से 44 किलो मीटर और solan से 45 किलो मीटर दूरी पर है। chail palace महाराजा का महल लगभग 75 एकड़ में स्थापित है और शानदार दृश्यों के साथ वास्तव में regal setting है। chail palace में विभिन्न प्रकार के cottages, suites और विभिन्न टैरिफ वाले कमरे हर उस आगंतुक को समायोजित कर सकते हैं, जो इस राजसी पहाड़ी का आनंद लेना चाहते हैं ।
अकड़ में निर्माण किया गया ,यहाँ का प्रमुख पर्यटक स्थल है। इसका निर्माण में पटियाला के राजा अधिराज भूपिंदर सिंह ने किया था। राजगढ़ पहाड़ी पर स्थित इस महल के इर्द - गिर्ध छाई हरियाली और देवदार के पेड़ इसकी शोभा बढ़ाते है। यह पटियाला के राजा का ग्रीष्मकालीन महल था ,जो आज chail की शाही विरासत है ।